सवालों के घेरे में फंसे सीएम शिवराज, कमलनाथ बोले- सवाल कम पड़ गए थे या हिम्मत जवाब दे दी गई

भोपाल- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमल नाथ के बीच जुबानी जंग जारी है। शुक्रवार को सीएम शिवराज द्वारा लगाए गए आरोपों पर कमल नाथ ने पलटवार किया है। पीसीसी चीफ ने सीएम से पूछा है कि कल उनके पास सवाल कम पड़ गए थे या उनकी हिम्मत जवाब दे दी गई थी?

दोनों नेताओं के बीच किसानों के लिए चलाई जा रही पीएम सम्मान निधि योजना पर जुबानी जंग चल रही है। सीएम शिवराज ने कमल नाथ पर आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में कांग्रेस नेता ने पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ लेने से प्रदेश के किसानों को वंचित कर दिया। जबकि कमल नाथ सीएम के आरोप पर पलटवार करते हुए पूछा है कि प्रदेश के किसानों को सम्मान निधि वापस करने के नोटिस क्यों मिल रहे हैं?

शुक्रवार को पौधारोपण कार्यक्रम के बाद सीएम शिवराज ने कमल नाथ पर जानबूझकर किसानों को सम्मान निधि योजना से वंचित रखने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि केंद्र पात्र किसानों के नाम लगातार कमल नाथ की तत्कालीन सरकार से मांगता रहा लेकिन कमल नाथ इसे लटकाते रहे। सीएम ने आगे कहा कि कमल नाथ की सरकार ने केंद्र को किसानों की अपूर्ण सूची दी लेकिन हमने सरकार में आते ही उस सूची को पूर्ण किया और 80 लाख किसान इस योजना में जुड़ गए।

सीएम शिवराज ने आगे कहा कि कमल नाथ जी ये बताओ, किसानों के नाम जोड़े क्यों नहीं थे? यह तो ऐसा है कि हींग लगे न फिटकरी, लेकिन आपको तकलीफ क्या थी? आज एक और सवाल पूछ रहा हूं, आपने कहा था कि किसानों को उनकी फसल का भुगतान तीन दिन के अंदर कर दिया जाएगा। लेकिन भुगतान तक का तो छोड़ो आपने किसानों से फसलें तक नहीं खरीदी। मंडियों में फसलें पड़े पड़े बर्बाद हो जाती थीं।

सीएम शिवराज के इन आरोपों पर कमल नाथ ने पलटवार करते हुए कहा, ‘शिवराज जी आज दो सवाल पूछने से पहले यह तो बता देते कि कल सवाल कम पड़ गए थे, यह हिम्मत जवाब दे गई थी।मेरा सीधा सवाल है की पीएम सम्मान निधि में लाखों किसानों के पास पैसा वापस करने का नोटिस क्यों आ रहा है? क्या आपने जानबूझकर किसानों को कर्ज के जाल में फसा देने के लिए यह चाल चली है?’

कमल नाथ ने आगे कहा, ‘क्या इस रकम की रिकवरी किसानों से ना करा कर आप अपनी जेब से करेंगे?दूसरा सवाल, मैंने किसानों को गेहूं पर ₹160 बोनस दिया था। आपकी सौदेबाजी की सरकार बनते ही आप ने किसानों का बोनस बंद कर दिया। किसानों से आपको इतनी दुश्मनी क्यों है? इसका जवाब मध्य प्रदेश के किसान आप से चाहते हैं?’